Tuesday, May 24, 2011

Share Market Horoscope

Superstitions but some time anything or everything works:

For good results try some tips:
  • Donot carry lather purse in pocket.
  • Feed cows with green grass.
  • Don't drink milk in night.

  • Try to give water (arg) to Sun every morning.
  • Donate oil and black tills for making happy to shani dev. will give some good results.

Saturday, May 21, 2011

MANGLIKK DOSH AND REMEDIES

image Remedies of Manglik Dosha or Kuja Dosha

मंगल की स्थिति से रोजी रोजगार एवं कारोबार मे उन्नति एवं प्रगति होती है तो दूसरी ओर इसकी उपस्थिति वैवाहिक जीवन के सुख बाधा डालती है. वैवाहिक जीवन में शनि को विशेष अमंलकारी माना गया है.
कुछ स्थितियों में इसका दोष स्वत: दूर हो जाता है अन्यथा इसका उपचार करके दोष निवारण किया जाता है.

मंगल दोष पर अन्य ग्रहों का प्रभाव (Effects of other Planets on Manglik Dosh)
मंगलीक दोष होने पर इसका सरल और उत्तम उपचार है (Easy remedy for Manglik Dosha) कि जिनसे वैवाहिक सम्बन्ध होने जा रहा हो उसकी कुण्डली में भी यह दोष वर्तमान हो. अगर वर और वधू दोनों की कुण्डली में समान दोष बनता है तो मंगल का कुप्रभाव स्वत: नष्ट हो जाता है. जिस कन्या की कुण्डली में मंगल 1, 2, 4, 7, 8,12 भाव में हो उस कन्या की शादी ऐसे वर से की जाए जिसकी कुण्डली में उसके मंगल के समान भाव में शनि बैठा हो तो मंगल अमंलकारी नहीं होता है. शनि की दृष्टि मंगल पर होने से भी इस दोष का निवारण हो जाता है.

चतुर्थ और सप्तम भाव में मंगल मेष, कर्क, वृश्चिक अथवा मकर राशि में हो और उसपर क्रूर ग्रहों की दृष्टि नहीं हो तो मंगलिक दोष का प्रभाव स्वत: ही कम होता है (The effect of Manglik Dosha is lessened). मंगल राहु की युति होने से मंगल दोष का निवारण हो जाता है (Mars-Rahu combination destroys Manglik Dosha). ज्योतिषीय विधान के अनुसार लग्न स्थान में बुध व शुक्र की युति होने से इस दोष का परिहार हो जाता है. कर्क और सिंह लग्न में लगनस्थ मंगल अगर केन्द्र व त्रिकोण का स्वामी हो तो यह राजयोग बनाता है जिससे मंगल का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है. वर की कुण्डली में मंगल जिस भाव में बैठकर मंगली दोष बनाता हो कन्या की कुण्डली में उसी भाव में सूर्य, शनि अथवा राहु हो तो मंगल दोष का शमन हो जाता है.

मंगल दोष के लिए व्रत और अनुष्ठान (Fasts and Rituals to lessen the effect of Manglik Dosha.)
अगर कुण्डली में मंगल दोष का निवारण ग्रहों के मेल से नहीं होता है तो व्रत और अनुष्ठान द्वारा इसका उपचार करना चाहिए. मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है. अगर जाने अनजाने मंगली कन्या का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण हेतु इस व्रत का अनुष्ठान करना लाभदायी होता है. जिस कन्या की कुण्डली में मंगल दोष होता है वह अगर विवाह से पूर्व गुप्त रूप से घट से अथवा पीपल के वृक्ष से विवाह करले फिर मंगल दोष से रहित वर से शादी करे तो दोष नहीं लगता है. प्राण प्रतिष्ठित विष्णु प्रतिमा से विवाह के पश्चात अगर कन्या विवाह करती है तब भी इस दोष का परिहार हो जाता है.

मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमान जी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगली दोष शांत होता है. कार्तिकेय जी की पूजा से भी इस दोष में लाभ मिलता है. महामृत्युजय मंत्र का जप सर्व बाधा का नाश करने वाला है. इस मंत्र से मंगल ग्रह की शांति करने से भी वैवाहिक जीवन में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है. लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल अमंगल दूर होता है.

Thursday, May 19, 2011

DELAY IN MARRIAGE....TIPS & SOLUTIONS.


One of the popular Vrat (Fasting) that is observed as a solution for delay in marriage is the Somvar Vrat or Monday Fasting dedicated to Lord Shiva. Many Hindu  communities performs prayers and chant mantras dedicated to Shiva, Parvati and Lord Krishna for early marriage. Men and women perform these vrats and prayers.
Some communities suggest the Pradosh Vrat dedicated to Lord Shiva and Goddess Parvati. Women and men fast on the day and offer prayers during the twilight period (Pradosham period) – between 4 and 6 PM.
Prayers and chanting mantras dedicated to Lord Krishna is also performed for early marriage. Some people observe the Ekadasi Vrat dedicated to Lord Krishna.
Prayer to any form of Goddess Shakti is considered apt for early marriage. This is because Goddess Parvati is believed to have performed intense austerities to get Shiva as her husband. There are also numerous vrats in various regions associated with Goddess Parvati which are meant for early marriage. This include Hartalika Teej Vrat, Gauri Vrat etc.
Observing Tuesday Vrats dedicated to Lord Ganesha or the monthly Sankashti Chaturthi vrat is believed to help in removing impediments.

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